आओ तो ऐसे आना
आओ तो ऐसे आना
इस बार आओ तो ऐसे आना,
कि वक़्त को भी मालूम हो जाए,
आओ तो ऐसे आना,
कि तुम्हारे आने की जो दुआ की थी वो आज क़ुबूल हुई है,
आओ तो ऐसे आना,
कि आंखें बंद करे तो जो तुम्हारे साथ खुद की तस्वीर देखीं थी वो पूरी हो जाए,
आओ तो ऐसे आना,
कि जैसे लम्बी रात के बाद की सुबह हुई हो
आना तो ऐसे आना,
कि जैसे रेगिस्तान को बरसात मिल गयी हो।
आओ तो ऐसे आना,
कि दिनभर की धुप के बाद जैसे शाम की छाँव हो,
आना तो ऐसे आना,
कि माँ की गोद का सुकून हो,
इस बार आओ तो ऐसे आना,
कि बस अब कभी वापिस ना जाना।
↝ रचित कुमार अग्रवाल
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